है इश्क तो फिर असर भी होगा,
जितना है इधर, उधर भी होगा।
है इश्क तो फिर असर भी होगा, जितना है इधर , उधर भी होगा।
एक चेहरा मेरी आंखों में आबाद हो गया.. उसे इतना पढ़ा कि वो मुझे याद हो गया...!!
एक दूसरे की तरह होना जरुरी नहीं है. एक दूसरे के लिए होना जरुरी है.❤️
इस उलझन को सुलझाने की कौन सी है तदबीर लिखो इश्क़ अगर है जुर्म तो मुजरिम राँझा है या हीर लिखो
पिघल भी जाओ इन बाहों में आज तुमारी याद का मौसम है..☺️
तुम पर कोई जबरदस्ती नहीं
कि तुम मेरी सारी बातें मानो,
मुझे सिर्फ इतना पता है कि
मेरे लिए तुम बहुत जरूरी हो
अब आगे तुम जानो"
काश तुम पुछो की तुम मेरे क्या लगते हो, मै तुम्हें गले लगाऊँ और कहूँ सब कुछ❤️
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