महाशिवरात्रि के बारे में आप ने ज़रूर सुना होगा. और बहुत से ऐसे में लोग है जो की शिवरात्रि में उपवास भी रखते हैं लेकिन उन्हें ये नहीं पता है की Mahashivratri 2022: क्यों मनाई जाती है? भारत में बहुत से धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं. और भारत में ऐसे त्यौहार भी है जिनको कुछ विशेष धर्म के लोग ही मनाते हैं तो काफी सारे ऐसे त्योहार भी मौजूद हैं जिन्हें पूरा देश मिल कर मनाता है. ऐसा ही एक त्यौहार Mahashivratri है. महाशिवरात्रि भगवान शिव जी से जुड़ा हुआ त्योहार है और भगवान शिव को पूरे देश में अलग-अलग रूपों और नाम में स्वीकार गया है. पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन क्या आप को पता हैं कि ‘महाशिवरात्रि का त्यौहार क्यों मनाई जाती हैं?’ अगर आप को इसके बारे में नहीं पता तो आज का यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होने वाला हैं.
Mahashivratri एक हिंदू त्योहार है जो कि शिव जी से जुड़ा हुआ है. शिवरात्रि का मतलब ‘शिव की रात्रि‘ ही होता हैं. Mahashivratri को लेकर देश में अलग-अलग बातें प्रचलित है. इस दिन भगवान शिव जी की आराधना की जाती है. और उसके शिवलिंग पर जल के साथ बेल ले पत्ते और धतूर, और बहुत से फूल पत्ते को चढ़ाया जाता है. भगवान शिव जी के मंदिरों में महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही काफी सारे भक्त आते हैं और कुछ मंदिरों तो ऐसे है जहा भक्तों की संख्या हजारों और लाखों में होती है. भगवान शिव जी की आराधना के लिए हफ्ता के सभी दिन अच्छे माने जाते हैं लेकिन सोमवार शिव जी की उपासना के लिए एक विशेष और महत्व होता है. शायद आपको पता नहीं होगा लेकिन हर माह एक शिवरात्रि आती हैं. और भारतीय महीनों के अनुसार “कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि” माना जाता है. जोकि फाल्गुन माह में आने वाले कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को “महाशिवरात्रि” के रूप में मनाई जाती है.
ग्रंथों में महाशिवरात्रि की विभिन्न बातें प्रचलित है. कहा जाता है कि भगवान शिव जी का केवल निराकार रूप था. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आधी रात्रि को शिव जी अपने निराकार से साकार रूप में आए थे. इस मान्यता के अनुसार भगवान सदाशिव सबसे पहले शिवलिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे.फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सूर्य और चंद्रमा अधिक नज़दीक आज जाते है. इस वजह से हर साल चतुर्दशी तिथि को “महाशिवरात्रि” मनाया जाता हैं.